6. जनतंत्र का जन्म
प्रश्न 1. रामधारी सिंह दिनकर का जन्म कब हुआ था?
(a) 23 सितम्बर 1908
(b) 24 अप्रैल 1974
(c) 15 अगस्त 1947
(d) 2 अक्टूबर 1909
उत्तर- (a)
प्रश्न 2. रामधारी सिंह दिनकर का जन्म कहाँ हुआ था?
(a) मथुरा
(b) सिमरिया, बेगूसराय
(c) इलाहाबाद
(d) वाराणसी
उत्तर- (b)
प्रश्न 3. रामधारी सिंह दिनकर ने किस विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया?
(a) पटना विश्वविद्यालय
(b) भागलपुर विश्वविद्यालय
(c) दिल्ली विश्वविद्यालय
(d) इलाहाबाद विश्वविद्यालय
उत्तर- (b)
प्रश्न 4. रामधारी सिंह दिनकर की प्रमुख रचनाओं में से एक कौन सी है?
(a) रश्मिरथी
(b) गीतांजलि
(c) कामायनी
(d) रामचरितमानस
उत्तर- (a)
प्रश्न 5. ‘जनतंत्र का जन्म’ कविता किसकी रचना है?
(a) रामधारी सिंह दिनकर
(b) सुमित्रानंदन पंत
(c) जयशंकर प्रसाद
(d) महादेवी वर्मा
उत्तर- (a)
प्रश्न 6. ‘जनतंत्र का जन्म’ कविता में किसकी जागृति का वर्णन किया गया है?
(a) जनता की
(b) शासकों की
(c) विद्वानों की
(d) व्यापारियों की
उत्तर- (a)
प्रश्न 7. ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ का अर्थ क्या है?
(a) जनता की सत्ता आने वाली है
(b) राजा का शासन मजबूत है
(c) शासक का शासन जारी है
(d) विद्वान सत्ता में हैं
उत्तर- (a)
प्रश्न 8. ‘मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता का जागरण
(b) शासकों का पराजय
(c) विद्वानों का सम्मान
(d) व्यापारियों की जीत
उत्तर- (a)
प्रश्न 9. ‘जनता’ कविता में किसे ‘मिट्टी की अबोध मूरतें’ कहा गया है?
(a) जनता
(b) शासक
(c) विद्वान
(d) व्यापारी
उत्तर- (a)
प्रश्न 10. ‘जनता’ कविता में किसे ‘लंबी-बड़ी जीभ की कसम’ कहा गया है?
(a) जनता की वेदना
(b) शासकों का शासन
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों की चाल
उत्तर- (a)
प्रश्न 11. ‘जनता’ कविता में जनता को किसके समान नहीं समझा जाना चाहिए?
(a) फूल या दुधमुंही बच्ची
(b) शासक
(c) विद्वान
(d) व्यापारी
उत्तर- (a)
प्रश्न 12. ‘जनता के स्वप्न अजय’ का क्या अर्थ है?
(a) जनता के अडिग सपने
(b) शासकों के सपने
(c) विद्वानों के सपने
(d) व्यापारियों के सपने
उत्तर- (a)
प्रश्न 13. ‘हुंकारों से महलों की नींव उखड़ जाती’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता की शक्ति
(b) शासकों की शक्ति
(c) विद्वानों की विद्या
(d) व्यापारियों का धन
उत्तर- (a)
प्रश्न 14. ‘फावड़े और हल राजदंड बनने को है’ का अर्थ क्या है?
(a) जनता की शक्ति का उदय
(b) शासकों का पराजय
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों की जीत
उत्तर- (a)
प्रश्न 15. ‘देवता कहीं सड़कों पर गिट्टी तोड़ रहे’ का क्या तात्पर्य है?
(a) मजदूरों और किसानों की मेहनत
(b) शासकों का परिश्रम
(c) विद्वानों की विद्या
(d) व्यापारियों का व्यापार
उत्तर- (a)
प्रश्न 16. ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ का क्या संदेश है?
(a) जनता का जागरण और सत्ता में उदय
(b) शासकों का शासन जारी है
(c) विद्वानों का महत्व
(d) व्यापारियों की शक्ति
उत्तर- (a)
प्रश्न 17. ‘सदियों की ठंडी-बुझी राख सुगबुगा उठी’ का क्या अर्थ है?
(a) क्रांति की शुरुआत
(b) शांति की स्थापना
(c) विद्या का प्रसार
(d) व्यापार का विकास
उत्तर- (a)
प्रश्न 18. ‘मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता का गौरव
(b) शासकों की जीत
(c) विद्वानों का सम्मान
(d) व्यापारियों का व्यापार
उत्तर- (a)
प्रश्न 19. ‘दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो’ का क्या अर्थ है?
(a) समय की पुकार
(b) विद्वानों का ज्ञान
(c) व्यापारियों का विकास
(d) शासकों का आदेश
उत्तर- (a)
प्रश्न 20. ‘जनता’ कविता में किसे ‘साँप हो चुस रहे’ कहा गया है?
(a) जनता की पीड़ा
(b) शासकों का शासन
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों की चाल
उत्तर- (a)
प्रश्न 21. ‘जनता सचमूच बड़ी वेदना सहती है’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता की असहनीय पीड़ा
(b) शासकों का शासन
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों का व्यापार
उत्तर- (a)
प्रश्न 22. ‘साँसों के बल से ताज हवा में उड़ता है’ का क्या अर्थ है?
(a) जनता की शक्ति
(b) शासकों का शासन
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों का व्यापार
उत्तर- (a)
प्रश्न 23. ‘तैतिस कोटी-हित सिंहासन तैयार करो’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता की सत्ता का आगमन
(b) शासकों की जीत
(c) विद्वानों का सम्मान
(d) व्यापारियों का विकास
उत्तर- (a)
प्रश्न 24. ‘अब्दो, शताब्दीयों, सहस्त्राब्द का अंधकार’ का क्या अर्थ है?
(a) जनता की संघर्षमयी यात्रा
(b) शासकों का पराजय
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों की चाल
उत्तर- (a)
प्रश्न 25. ‘तैतिंस कोटी जनता के सिर पर मुकुट धरो’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता का राज्याभिषेक
(b) शासकों का शासन
(c) विद्वानों का सम्मान
(d) व्यापारियों की शक्ति
उत्तर- (a)
प्रश्न 26. ‘जनता के स्वप्न अजय’ का क्या अर्थ है?
(a) जनता के अडिग सपने
(b) शासकों के सपने
(c) विद्वानों के सपने
(d) व्यापारियों के सपने
उत्तर- (a)
प्रश्न 27. ‘हुंकारों से महलों की नींव उखड़ जाती’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता की शक्ति
(b) शासकों की शक्ति
(c) विद्वानों की विद्या
(d) व्यापारियों का धन
उत्तर- (a)
प्रश्न 28. ‘फावड़े और हल राजदंड बनने को है’ का अर्थ क्या है?
(a) जनता की शक्ति का उदय
(b) शासकों का पराजय
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों की जीत
उत्तर- (a)
प्रश्न 29. ‘देवता कहीं सड़कों पर गिट्टी तोड़ रहे’ का क्या तात्पर्य है?
(a) मजदूरों और किसानों की मेहनत
(b) शासकों का परिश्रम
(c) विद्वानों की विद्या
(d) व्यापारियों का व्यापार
उत्तर- (a)
प्रश्न 30. ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ का क्या संदेश है?
(a) जनता का जागरण और सत्ता में उदय
(b) शासकों का शासन जारी है
(c) विद्वानों का महत्व
(d) व्यापारियों की शक्ति
उत्तर- (a)
प्रश्न 31. ‘सदियों की ठंडी-बुझी राख सुगबुगा उठी’ का क्या अर्थ है?
(a) क्रांति की शुरुआत
(b) शांति की स्थापना
(c) विद्या का प्रसार
(d) व्यापार का विकास
उत्तर- (a)
प्रश्न 32. ‘मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता का गौरव
(b) शासकों की जीत
(c) विद्वानों का सम्मान
(d) व्यापारियों का व्यापार
उत्तर- (a)
प्रश्न 33. ‘दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो’ का क्या अर्थ है?
(a) समय की पुकार
(b) विद्वानों का ज्ञान
(c) व्यापारियों का विकास
(d) शासकों का आदेश
उत्तर- (a)
प्रश्न 34. ‘जनता’ कविता में किसे ‘साँप हो चुस रहे’ कहा गया है?
(a) जनता की पीड़ा
(b) शासकों का शासन
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों की चाल
उत्तर- (a)
प्रश्न 35. ‘जनता सचमूच बड़ी वेदना सहती है’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता की असहनीय पीड़ा
(b) शासकों का शासन
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों का व्यापार
उत्तर- (a)
प्रश्न 36. ‘साँसों के बल से ताज हवा में उड़ता है’ का क्या अर्थ है?
(a) जनता की शक्ति
(b) शासकों का शासन
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों का व्यापार
उत्तर- (a)
प्रश्न 37. ‘तैतिस कोटी-हित सिंहासन तैयार करो’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता की सत्ता का आगमन
(b) शासकों की जीत
(c) विद्वानों का सम्मान
(d) व्यापारियों का विकास
उत्तर- (a)
प्रश्न 38. ‘अब्दो, शताब्दीयों, सहस्त्राब्द का अंधकार’ का क्या अर्थ है?
(a) जनता की संघर्षमयी यात्रा
(b) शासकों का पराजय
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों की चाल
उत्तर- (a)
प्रश्न 39. ‘तैतिंस कोटी जनता के सिर पर मुकुट धरो’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता का राज्याभिषेक
(b) शासकों का शासन
(c) विद्वानों का सम्मान
(d) व्यापारियों की शक्ति
उत्तर- (a)
प्रश्न 40. ‘जनता के स्वप्न अजय’ का क्या अर्थ है?
(a) जनता के अडिग सपने
(b) शासकों के सपने
(c) विद्वानों के सपने
(d) व्यापारियों के सपने
उत्तर- (a)
प्रश्न 41. ‘हुंकारों से महलों की नींव उखड़ जाती’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता की शक्ति
(b) शासकों की शक्ति
(c) विद्वानों की विद्या
(d) व्यापारियों का धन
उत्तर- (a)
प्रश्न 42. ‘फावड़े और हल राजदंड बनने को है’ का अर्थ क्या है?
(a) जनता की शक्ति का उदय
(b) शासकों का पराजय
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों की जीत
उत्तर- (a)
प्रश्न 43. ‘देवता कहीं सड़कों पर गिट्टी तोड़ रहे’ का क्या तात्पर्य है?
(a) मजदूरों और किसानों की मेहनत
(b) शासकों का परिश्रम
(c) विद्वानों की विद्या
(d) व्यापारियों का व्यापार
उत्तर- (a)
प्रश्न 44. ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ का क्या संदेश है?
(a) जनता का जागरण और सत्ता में उदय
(b) शासकों का शासन जारी है
(c) विद्वानों का महत्व
(d) व्यापारियों की शक्ति
उत्तर- (a)
प्रश्न 45. ‘सदियों की ठंडी-बुझी राख सुगबुगा उठी’ का क्या अर्थ है?
(a) क्रांति की शुरुआत
(b) शांति की स्थापना
(c) विद्या का प्रसार
(d) व्यापार का विकास
उत्तर- (a)
प्रश्न 46. ‘मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता का गौरव
(b) शासकों की जीत
(c) विद्वानों का सम्मान
(d) व्यापारियों का व्यापार
उत्तर- (a)
प्रश्न 47. ‘दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो’ का क्या अर्थ है?
(a) समय की पुकार
(b) विद्वानों का ज्ञान
(c) व्यापारियों का विकास
(d) शासकों का आदेश
उत्तर- (a)
प्रश्न 48. ‘जनता’ कविता में किसे ‘साँप हो चुस रहे’ कहा गया है?
(a) जनता की पीड़ा
(b) शासकों का शासन
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों की चाल
उत्तर- (a)
प्रश्न 49. ‘जनता सचमूच बड़ी वेदना सहती है’ का क्या तात्पर्य है?
(a) जनता की असहनीय पीड़ा
(b) शासकों का शासन
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों का व्यापार
उत्तर- (a)
प्रश्न 50. ‘साँसों के बल से ताज हवा में उड़ता है’ का क्या अर्थ है?
(a) जनता की शक्ति
(b) शासकों का शासन
(c) विद्वानों का ज्ञान
(d) व्यापारियों का व्यापार
उत्तर- (a)